नई दिल्ली। उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में जारी गतिरोध के बीच भारत ने पड़ोसी देश के साथ रिश्तों को लेकर नरमी के संकेत दिए हैं। सरकार ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान में होने वाले उन आयोजनों में हिस्सा लेने से भारत को कोई गुरेज नहीं है, जहां कई और देश जुट रहे हों।
नवभारत टाइम्स अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार ने उन खबरों को खारिज किया है, जिनमें कहा गया है कि भारत ने इस्लामाबाद(पाकिस्तान) में टिकाऊ विकास पर आधारित एक क्षेत्रीय सम्मेलन का बहिष्कार किया है। गौरतलब है कि भारत इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहा है और अभी तक हिस्सा न लेने की वजह भी नहीं बताई है।
भारत सरकार की तरफ से यह खंडन पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित उन खबरों के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि विकास के मुद्दे पर पाकिस्तान में होने वाले एक अहम सम्मेलन को भारत ने बहिष्कार किया है। भारत के साथ-साथ ईरान और बांग्लादेश भी इसमें शिरकत नहीं कर रहे हैं।
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माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के मकसद से भारत ने यह फैसला किया है। इससे पहले भी भारत ने पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। भारत के साथ कई और देश भी इसमें शरीक नहीं हुए थे जिसकी वजह से सार्क सम्मेलन को रद्द करना पड़ा था।
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों ने शुरुआत में सम्मेलन में भारत की भागीदारी की पुष्टि की थी, लेकिन बाद में भारत की तरफ से इससे हटने की जानकारी दी गई। खबर यह भी आई थी कि ईरान और बांग्लादेश भी इसमें शिरकत नहीं कर रहे।