अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आग्रह पर एनजीओ सुलभ इंटरनेशनल गांवों को अलग अंदाज में गोद लेने की तैयारी कर रहा है। इसमें दुनिया भर के मशहूर कॉरपोरेट घराने गावों को विकास के लिए गोद लेंगे। एनजीओ पहले उन गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए हर घर में शौचालय बनवाएगा। इसके बाद गांव में पीने का साफ पानी, सड़कों की साथ सफाई और स्किल डवलपमेंट के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे। योजना को पूरा करने के लिए 2019 तक की समयसीमा तय की गई है।
‘आजतक’ की खबर को मुताबिक, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने बताया कि राजस्थान, हरियाणा और अन्य राज्यों के अत्यंत पिछड़े गांवों को गोद लेने के लिए कॉरपोरेट घरानों को चिट्ठी लिखी जा रही है। जिन-जिन गांवों को गोद लिया जाएगा वहां सुलभ अपने कार्यकर्ताओं के जरिये विकास के काम करेगा।
बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि हम गांधीवादी तरीके में यकीन रखते हैं। लिहाजा कोई संस्था या संगठन पांच साल से दस साल तक देखभाल का एमओयू करती है। लेकिन हम तो मिशनरी की तरह सारा जीवन निभाने के लिए मैदान में उतरेंगे। जल्द ही इस बारे में आगे कदम बढ़ाया जाएगा। यानी 2019 तक गोद लिये गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का संकल्प है।
सुलभ इंटरनेशनल के प्रमुख पाठक ने अमेरिका के वॉशिंगटन में आयोजित एक समारोह में कहा, “मैं भारत के एक गांव का नाम ट्रंप विलेज रखने की घोषणा करता हूं।” उन्होंने बताया कि यह गांव राजस्थान के मेवात में बसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है। हालांकि राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि किसी गांव का नाम अमेरिकी राष्ट्रपति के नाम पर रखने की सरकार की कोई योजना नहीं है।