परीक्षण की कड़ी निंदा करते हुए परिषद ने कहा कि यह सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों एवं परमाणु अप्रसार का स्पष्ट उल्लंघन और अपमान है। इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा पर मंडराने वाला खतरा है, जो आज भी मौजूद है।
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परिषद के सदस्यों ने कहा कि वे पहले भी उत्तर कोरिया द्वारा कोई अन्य परमाणु परीक्षण किए जाने की सूरत में ‘‘और प्रतिबंध’’ लगाने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रतिबद्धता के तहत और इस उल्लंघन के चलते सुरक्षा परिषद के सदस्य उपयुक्त कदम उठाने की दिशा में तत्काल काम करना शुरू कर देंगे।’’ अमेरिका और फ्रांस ने परिषद के सदस्यों से उत्तर कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की अपील करते हुए कहा कि एक के बाद एक परीक्षण अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति ‘‘पूर्ण अपमान’’ दर्शाते हैं।