वेनेजुएला में इस समय ‘ब्रेड वॉर’ की स्थिति है। यहां की सोशलिस्ट सरकार ने आर्थिक अराजकता को काबू में कर स्थिति सामान्य करने के लिए बड़ी संख्या में रेस्तराओं और बेकरी की दुकानों को निशाना बनाया है। सरकार की ओर से कई फूड लाइन्स स्टोर्स पर छापेमारी की जा रही है। आरोप है कि एक ओर जहां देश अनाज की भारी किल्लत से जूझ रहा है, तो वहीं बेकरियों के मालिक विदेश से आयात होकर आने वाले आटे को महंगे खाद्य पदार्थ बनाने में इस्तेमाल करते हैं। सरकार का कहना है कि सरकारी सब्सिडी वाले खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल कर बनाई गई चीजों की कीमतें कम होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। सरकार के मुताबिक, ऐसे समय में जब देश के अंदर आर्थिक संकट कायम है, ये बेकरियां और रेस्तरां सब्सिडी वाले आटे का इस्तेमाल कर महंगे व्यंजन बना रहे हैं। इसी को रोकने के लिए कई बेकरियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। स्थिति इतनी खराब है कि बिना इजाजत ब्राउनी बनाने के कारण सरकार ने दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया।
खाद्य आपूर्ति बढ़ाने के लिए उप राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते देश की सभी बेकरियों को आदेश दिया था कि वे अपने पास उपलब्ध आटे का 90 फीसद हिस्सा जरूरी ब्रेड्स बनाने में खर्च करें। साथ ही, हर बेकरी को आदेश दिया गया था कि वह सुबह 7 बजे तक बिक्री के लिए ब्रेड उपलब्ध रखे। सरकार ने कहा है कि जो भी बेकरी मालिक इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उसकी दुकान को सरकार अपने नियंत्रण में ले लेगी।
वेनेजुएला की हालत खराब, आसमान छू रही महंगाई
सरकार ने कई फूड लाइन्स की दुकानों को कब्जे में ले लिया है। बताया गया है कि आने वाले 90 दिनों के लिए ये दुकानें सरकार के नियंत्रण में रहेंगी। उधर, इस सरकार समर्थक समिति को लोगों के घर-घर जाकर अनाज की सप्लाइ करने का जिम्मा सौंपा गया है। लोगों का आरोप है कि सरकार द्वारा बेकरियों और अन्य रेस्ट्रॉन्ट्स को अपने अधिकार में करने के कारण वे बेरोजगार हो गए हैं। कई बेकरियों पर हुई कार्रवाई के कारण वेनेजुएला में ब्रेड की भारी किल्लत हो गई है। 57 साल की मिलाग्रोस कैबरेरा ने सरकारी कार्रवाई पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, ‘सरकार जो कर रही है, उससे हमारी मुश्किलों का हल नहीं निकलने वाला।’ लोगों को ब्रेड जैसी रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए कई किलोमीटर चलकर जाना पड़ रहा है।
अगले पेज पर पढ़िए – वेनेजुएला में 93 फीसद लोगों के पास खाना खरीदने को पैसे नहीं