भारत की तर्ज पर वेनेजुएला ने भी देश में भ्रष्टाचार और कालेधन से निबटने के लिये सबसे बड़ी करेंसी बैन कर दी। लेकिन इस एलान के बाद वहां की अवाम का रुख बहुत हैरान कर देने वाला है। खबरों के मुताबिक जब से इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए वेनेज़ुएला सरकार ने अगले 72 घंटे के भीतर देश से बड़े मूल्य के पुराने नोटों की जगह सिक्कों को जारी करने का आदेश दिया है तभी से वहां हिंसा का माहौल है उस हिंसा में अबतक दर्जनों दुकानें लूटी जा चुकी हैं और तीन लोगों की जान भी जा चुकी है। हालांकि, सरकार लोगों की जान जाने की बात पर अपनी मुहर नहीं लगा रही। वेनेजुएला में 100 बोलिवर के नोट को बंद करने का ऐलान किया गया था। लोगों को अपने पैसों को खपाने के लिए तीन दिन का वक्त दिया गया था। लेकिन जैसे-जैसे क्रिसमस और नया साल पास आ रहा है लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लोग हंगामे और हिंसा पर उतार आए हैं।
भारत की तरह वहां का विपक्ष भी नोटबंदी के खिलाफ है। वहां के विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति निकोलस माडरू को धमकी दी है कि वह छह साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे जो कि 2019 में खत्म होना है। वहीं राष्ट्रपति ने हिंसा को गलत बताते हुए कहा कि नए नोट जल्द ही चलन में आ जाएंगे और लोगों को हिंसा करने की जरूरत नहीं है। वेनेजुएला के लोगों को भी ज्यादा से ज्यादा ई ट्रांजेक्शन करने को कहा जा रहा है। लेकिन वेनेजुएला के 40 प्रतिशत लोगों के पास बैंक में खाता ही नहीं है। वहां भी बैंक के बाहर लंबी लाइनें लगी हुई हैं और एटीएम में पैसा नहीं है।
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