अगले महीने चीन में होने वाले जी-20 समिट से पहले पीएम नरेंद्र मोदी वियतनाम का दौरा करेंगे। पीएम की यह यात्रा दक्षिण पूर्ण एशिया में भारत की बढ़ती रणनीतिक मौजूदगी का भी संकेत होगी। दिल्ली की ओर से वियतनाम की मिलिट्री को अतिरिक्त सहायता मुहैया कराने का भी ऑफर दिया जा सकता है। इसमें वित्तीय सहायता समेत ट्रेनिंग, स्पेस सेक्टर में मदद और हाइड्रोकार्बन ब्लॉक में निवेश बढ़ाना हो सकता है। दक्षिण चीन सागर पर प्रभुत्व को लेकर वियतनाम और चीन के बीच विवाद के बीच पीएम मोदी का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस एक दिवसीय यात्रा के दौरान वियतनाम की सेना को चार पेट्रोल बोट्स की सप्लाइ पर करार हो सकता है। अक्टूबर 2014 में पीएम मोदी की यात्रा के दौरान 100 मिलियन डॉलर की मदद करने की जो बात कही गई थी, यह उसका ही विस्तार होगा। इसके अलावा भारत की ओर से वियतनाम की सेना को अतिरिक्त आर्थिक मदद का ऑफर मिल सकता है। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि भारत वियतनामी सेना का का प्रशिक्षण डिफेंस हार्डवेयर की रिपेयरिंग का कोटा भी बढ़ा सकता है।
वियतनाम को भारत के इस सपॉर्ट का मकसद दक्षिण पूर्वी देश की सैन्य क्षमता को बढ़ाना होगा। आसियान में भारत के साथ हिस्सेदारी करने वाले वियतनाम के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी में बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल भारत के लिहाज से आसियान में वियतनाम और सिंगापुर जैसे देश उसके सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझीदार हैं।