दिल्ली:
सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने से अलगाववादी नेताओं के इनकार करने को सही ठहराते हुए हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने आज कहा कि उन्हें आधिकारिक तरीके से आमंत्रित नहीं किया गया था और नयी दिल्ली को इस मुद्दे का हल निकालने के लिए उनसे और पाकिस्तान के साथ किसी तरह की सार्थक बातचीत करने से डर लगता है।
कट्टरपंथी हुर्रियत ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘उन्होंने कभी हमें :अलगाववादियों को: आधिकारिक रूप से आमंत्रित नहीं किया और वे हमें इससे मना करने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह न केवल शर्मनाक है बल्कि उनकी सचाई, गंभीरता और स्पष्टता के स्तर को बयां करता है। भारत को हुर्रियत और पाकिस्तान के साथ किसी भी सार्थक बातचीत से डर लगता है।’’ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अलगाववादी मानवता, लोकतंत्र या कश्मीरियत पर भी विश्वास नहीं करते। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए संगठन ने कहा कि हमेशा की तरह गृहमंत्री का संवाददाता सम्मेलन ‘‘झूठ, छल, नकारात्मक और विरोधाभासों’’ से भरा है।