उम्मीद है कि उर्जित पटेल बैंकों के बही खातों को साफ सुथरा करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे: रघुराम राजन

0
रघुराम राजन

 

दिल्ली:

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने निचली ब्याज दरों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंकों द्वारा इस तरह के उपाय अन्य नीतिगत उत्पादों तथा व्यापक सुधारों का स्थान नहीं ले सकते। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके उत्तराधिकारी उर्जित पटेल बैंकों के बही खातों को साफ सुथरा करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे और इसे पूरा करेंगे। राजन ने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ से साक्षात्कार में यह बात ही। उनका यह साक्षात्कार आज प्रकाशित हुआ है। राजन ने भरोसा जताया कि भारत बैंकों को साफ सुथरा करने की प्रक्रिया को पूरा करेगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा शुरू की है।

इसे भी पढ़िए :  आज से प्रभावी होगा रेरा

बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे कुछ खातों के कर्ज को गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत करें। इन प्रावधानों से बैंकों को काफी नुकसान हुआ है। राजन ने इसे साफसुथरा बनाने की कार्रवाई को मार्च, 2017 तक पूरा करने का निर्देश दिया था।

राजन का रिजर्व बैंक के गवर्नर का कार्यकाल कल पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर निचली ब्याज दरों से बाजार बिगड़ सकता है जिससे बच पाना संभव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका और यूरोप जैसे देशों ने वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए ब्याज दरों को निचले स्तर पर रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि ये देश इस आशंका से भी घिरे हैं कि जब वे अंतत: ब्याज दरें बढ़ाएंगे तो उनकी वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ेगी।

इसे भी पढ़िए :  मोदी सरकार ने दी रक्षा और सिविल एविएशन में सौ फीसदी एफ़डीआई को मंजूरी

राजन का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि दुनिया भर में केंद्रीय बैंक यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वैश्विक वृद्धि को फिर से कैसे रफ्तार दी जाए? राजन ने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने इन बातों को भी खारिज किया कि उनके कड़े मौद्रिक रख की वजह से सरकार ने उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं दिया।

उन्होंने कहा,‘‘मुझे नहीं लगता कि यह कहना उचित होगा कि उनके कड़े नीतिगत रख की वजह से ही सरकार उनको दूसरा कार्यकाल नहीं देना चाहती थी।’’ नए गवर्नर उर्जित पटेल के बारे में राजन ने कहा कि उन्होंने देश के लिए कड़ा मुद्रास्फीति लक्ष्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने कड़े मौद्रिक रख का बचाव करते हुए राजन ने कहा कि इससे मुद्रास्फीति की दर को सरकार के लक्ष्य के उपरी स्तर तक रखने में मदद मिली। फिलहाल मुद्रास्फीति करीब छह प्रतिशत पर है।

इसे भी पढ़िए :  आरबीआई गवर्नर पर आदर्श आचार संहिता लागू करना अनुचित: सुब्बाराव

राजन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने वही किया जो करने की जरूरत थी।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता मुद्रास्फीति को निचले स्तर पर रखना रहनी चाहिए।