बिहार में कुपोषित बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा, उत्तराखंड में सबसे कम

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कुपोषण

 

दिल्ली:

साल 2014 के एक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार जिस उम्र में बच्चे स्कूल जाते हैं, उस आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य स्तर को देखें तो बिहार में पांच से 18 साल के बच्चों में कुपोषितों की संख्या सर्वाधिक है, वहीं बच्चों का कद कम रह जाने के सर्वाधिक मामले उत्तर प्रदेश में देखे गये।

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वाषिर्क स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट ‘क्लीनिकल एंथ्रोपोमेट्रिक एंड बायोकेमिकल’ :सीएबी: सर्वे में कहा गया, ‘‘बिहार में 5 से 18 साल आयुवर्ग में कुपोषितों की संख्या 33 प्रतिशत और अति कुपोषितों संख्या 21.7 प्रतिशत की संख्या सर्वाधिक दर्ज की गयी है वहीं उत्तराखंड में यह सबसे कम दर्ज की गयी है। जो क्रमश: 19.9 प्रतिशत और 6.1 प्रतिशत है।’’ महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने साल 2014 के लिए बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए यह सर्वेक्षण किया।

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सीएबी 2014 सर्वे कहता है कि इन राज्यों में बच्चों का कद कम रह जाने के मामले सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में आये और इनकी संख्या 62 प्रतिशत थी, वहीं कम वजन वाले बच्चों की सर्वाधिक संख्या क्रमश: झारखंड में 45.7 प्रतिशत और छत्तीसगढ में 32.4 प्रतिशत में दर्ज की गयी।

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सर्वेक्षण के परिणाम के मुताबिक, ‘‘जिलों के अनुसार देखें तो बच्चों का कद छोटा रह जाने के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश के रायबरेली में 77.4 प्रतिशत और कम वजन के सर्वाधिक मामले उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में 70.2 प्रतिशत मिले।’’