सत्येंद्र जैन ने उपराज्यपाल की मंजूरी के बगैर परियोजनाओं के कार्यान्वयन का आदेश दिया

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सतेन्द्र जैन

 

दिल्ली:

दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने विभागों के प्रमुखों को उपराज्यपाल कार्यालय में जमा मूल फाइलों की छाया प्रति या आंशिक फाइलों के आधार पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

आप सरकार ने कहा कि उसने फाइलों की छाया प्रतियों के आधार पर निर्णय करने का फैसला किया है क्योंकि उपराज्यपाल कार्यालय में कई मूल फाइलों के जमा होने के कारण कई प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन में देरी हो रही है।

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जैन के पास स्वास्थ्य, बिजली, लोक निर्माण, उद्योग, परिवहन, शहरी विकास और गृह जैसे प्रमुख विभाग हैं और उन्होंने इन विभागों को प्रमुखों को आदेश दिया है कि मौजूदा परियोजनाओं और कार्यों के कार्यान्वयन में देरी के लिए संबंधित फाइलों के उपराज्यपाल कार्यालय में होने का बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए।

उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद पिछले महीने उपराज्यपाल नजीब जंग ने सभी विभागों के प्रमुखों को उन फाइलों को उनके पास भेजने का आदेश दिया था, जिनके लिए उनकी पूर्वानुमति आवश्यक थी लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा नहीं ली गयी थी। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में उपराज्यपाल को राष्ट्रीय राजधानी का ‘प्रशासनिक’ प्रमुख बताया था।

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इसके बाद जंग ने आप सरकार के विभिन्न निर्णयों से जुड़ी करीब 400 फाइलों में ‘‘कमियों और अनियमितताओं’ का पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।

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मंत्री ने अपने आदेश में कहा कि उनके संज्ञान में यह बात आयी है कि उनके विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर निर्णय लेने की प्रक्रिया हाल के दिनों में इस बहाने के साथ बाधित हुई है कि संबंधित विषयों से जुड़ी फाइले पूर्व में किये गये निणर्यों पर उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए उनके कार्यालय में जमा हैं।