DU में जेएनयू छात्र उमर खालिद की सेमिनार रद्द होने के बाद राष्ट्रवाद और अभिव्यक्ति की आजादी पर छिड़ी बहस दिल्ली के अॉटो वालों तक भी पहुंच गई है। दिल्ली के अॉटो वालों से साफ कहा है कि वह राष्ट्रविरोधियों को सफर नहीं कराएंगे। दिल्ली अॉटो रिक्शा संघ के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र सोनी ने कहा कि हम दिल्ली में रहते हैं, हम भारतीय हैं। हम राष्ट्रविरोधी नारे नहीं लगने देंगे। सोनी ने दावा किया कि उनकी संस्था दिल्ली की सबसे बड़ी यूनियन है, लेकिन वह यह नहीं बता पाए कि उसमें कुल कितने सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले इन लोगों ने जेएनयू की वातावरण खराब किया और अब ये लोग डीयू तक पहुंच गए हैं। हम उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी पर कब्जा नहीं करने देंगे। उन्होंने राजधानी में चल रही स्थिति पर गंभीर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि कश्मीर की आजादी, बस्तर की आजादी, अरे ये लोग कैसी आजादी चाहते हैं। अगर इन्हें इतनी ही परेशानी है तो ये लोग पाकिस्तान या अपनी पसंद के किसी देश में जा सकते हैं। इससे पहले हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने भी एेसा ही बयान दिया था।
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