कई जिलों से एंटी रोमियो स्क्वॉड द्वारा मजनुंओं को खुलेआम प्रताड़ित करने के मामले सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी को साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर बेकसूर लोगों को परेशान न किया जाए।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद डीजीपी जावीद अहमद ने भी सभी जिलों के एसएसपी को पत्र लिखकर नया फरमान सुनाया है। इस पत्र में साफ-साफ कहा गया है कि एंटी रोमियो स्क्वॉड में शामिल कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी युवक को ना तो मुर्गा बनाएगा और ना उसका मुंडन करेगा। साथ ही मुंह पर कालिख पोतने और उठक-बैठक कराने जैसी सजा भी नहीं देगा। डीजीपी अहमद ने यह भी साफ किया है कि उन जोड़ों को कतई परेशान नहीं किया जाए जो कॉफी शॉप या पार्क में बैठे हों। साथ ही यह भी कहा कि कोई भी कार्रवाई उसकी जात-पात या धर्म के आधार पर नहीं होनी चाहिए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि एंटी रोमियो स्क्वॉड दिशा-निर्देशों का पालन करें और कानून के तहत कार्रवाई करें। कोर्ट की लखनउ पीठ ने एक जनहित याचिका पर उक्त निर्देश दिया था।
कुछ टेलीविजन चैनलों के विजुअल में एंटी रोमियो स्क्वॉड द्वारा कुछ जगहों पर युवा जोडों को तंग करते दिखाया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव (गृह) से कहा कि वह एंटी रोमियो स्क्वॉड के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश बनायें और सुनिश्चित करें कि किसी युवा जोड़े को अनावश्यक रूप से परेशान ना किया जाए। बीजेपी ने एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाने का वायदा विधानसभा चुनाव से पहले जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में किया था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कालेज या अन्य सार्वजनिक जगहों पर घूम रहे किसी लड़के या लड़कों के समूह से पूछताछ करना ही मकसद है ताकि शोहदों में भय व्याप्त हो।उन्होंने कहा कि एकमात्र प्रयास यही है कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो और छेड़खानी की घटना ना होने पाये।