दिल्ली: हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र वेलपुला सुन्कन्ना ने आज कुलपति अप्पाराव पोडिले से अपनी डॉक्टरेट की डिग्री लेने से मना कर दिया। सुन्कन्ना, पीएचडी छात्र रोहित वेमुला एवं अन्य को पिछले साल विश्वविद्यालय के छात्रावास से निकाल दिया गया था।
दीक्षांत समारोह के दौरान जब सुन्कन्ना का नाम पुकारा गया तब वह मंच पर गया लेकिन पोडिले से प्रमाणपत्र लेने से मना कर दिया। तब प्रति कुलपति विपिन श्रीवास्तव आगे आए सुन्कन्ना को पीएचडी की डिग्री दी।
सुन्कन्ना और वेमुला उन पांच छात्रों में शामिल थे जिन्हें ‘‘अनुशासनात्मक’’ आधार पर पिछले साल विश्वविद्यालय के छात्रावास से निकाल दिया गया था। बाद में उनका यह निलंबन रद्द कर दिया गया।
इस साल जनवरी में विश्वविद्यालय परिसर में स्थित छात्रावास के एक कमरे में वेमुला का शव छत से लटका पाया गया था। घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया और विश्वविद्यालय के छात्रों ने पोडिले के निष्कासन की मांग करते हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन किए।
इस समय आईआईटी बंबई से दर्शन विषय में पोस्ट डॉक्टरल की पढ़ाई कर रहे सुन्कन्ना ने कहा, ‘‘मैंने विरोध के तौर पर उनसे अपना प्रमाणपत्र लेने से मना कर दिया।’’ वेमुला की मौत के बाद विश्वविद्यालय के छात्रों, कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने कुलपति और कुछ दूसरे लोगों को उसकी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
पोडिले ने संपर्क किए जाने पर घटना को तूल ना देते हुए कहा कि उनसे प्रमाणपत्र लेना ना लेना छात्र की मर्जी है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी मर्जी है। इसे लेकर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।’’