नई दिल्ली। सीमा पर रविवार(9 अक्टूबर) को गोलाबारी बंद हो गई, लेकिन सीमावर्ती गांवों के निवासियों ने अपने घरों को लौटने से इंकार कर दिया हैं, क्योंकि उन्हें आशंका है कि यह एक अस्थायी दौर है तथा फिर से गोलाबारी शुरू हो सकती है। इन ग्रामीणों को लगातार अशांति बने रहने के कारण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
हमीरपुर गांव के निवासी शामलाल (42) ने बताया कि ‘‘हमने सुना है कि पिछले कुछ दिनों से हमारे क्षेत्र में सीमा पार से गोलाबारी नहीं हो रही। किन्तु लोग लौटने को लेकर आशंकित हैं कि कहीं पाकिस्तान फिर से नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाना शुरू न कर दे जैसा कि उसने कुछ दिन पहले किया था।’’
मालूम हो कि भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पार कर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल सट्राइक किये जाने की घोषणा के बाद से पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम की दो दर्जन से अधिक घटनाओं की जानकारी मिल चुकी है।
सीमापार से हो रही गोलाबारी के चलते जम्मू क्षेत्र के सीमांत गांवों के हजारों निवासियों को प्रशासन द्वारा बनाये गये सुरक्षित शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।