दिल्ली: मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने आज कहा कि एक साथ ‘तीन तलाक’ की परंपरा का कुछ हलकों द्वारा गैर इस्लामी व्याख्या की जा रही है।
उन्होंने इस्लाम के असमानता का धर्म नहीं होने पर जोर देते हुए कहा कि ‘तीन तलाक’ की परंपरा की गलत ढंग से व्याख्या की जा रही है क्योंकि एक बार में तीन तलाक की कोई अवधारणा नहीं है।
इस मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय से इस परंपरा को खत्म करने का अनुरोध करने के मामले में कोई टिप्पणी करने से बचते हुए नजमा ने कहा, ‘‘यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जहां मैं सकारात्मक या नकारात्मक जवाब दे सकूं कि मैं केंद्र के रूख से सहमत हूं या नहीं। मैं इस मुद्दे पर सिर्फ अपने विचार और जो मैं महसूस कर रही हूं उसे जाहिर कर सकती हूं।’’ इस पद पर नियुक्त किए जाने से पहले वह अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री थी। वह मुसलामानों में तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की परंपरा का उच्चतम न्यायालय में विरोध किए जाने के केंद्र के रूख के बारे में अपने विचारों को लेकर सवालों का जवाब दे रही थी।