शिवाजी पर टिप्पणी को लेकर दलित लेखकों को छोड़ना पड़ा सम्मेलन

0
फोटो: साभार

नई दिल्ली। चर्चित दलित लेखक प्रदन्या पवार और दलित शिक्षाविद रावसाहेब कसाबे को छत्रपति शिवाजी महाराज पर उनकी ‘‘आपत्तिजनक’’ टिप्पणियों को लेकर एक मराठी साहित्य सम्मेलन छोड़कर जाने के लिए कथित रूप से मजबूर होना पड़ा।

इसे भी पढ़िए :  पढ़िए, कश्मीर में इंटरनेट बैन करने के लिए क्यों मजबूर हो गई सरकार

यह सम्मेलन महाराष्ट्र साहित्य परिषद द्वारा सतारा जिले के पास पाटन में आयोजित किया गया था और कथित घटना रविवार को उस समय हुई जब कुछ लोगों के एक समूह ने दोनों से शिवाजी पर उनकी टिप्पणियों से मराठा समुदाय की भावनाएं ‘‘आहत’’ होने के कारण कार्यक्रम छोड़कर जाने को कहा।

इसे भी पढ़िए :  भारतीय जवानों से बर्बरता पर बोले अरुण जेटली, कहा-'कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी, देेंगे करारा जवाब'

कसाबे को विशेष अतिथि जबकि पवार को मनोनीत अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित किया गया था। यह कार्यक्रम बाबासाहेब अंबेडकर को समर्पित था।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी पर TOI के सर्वे ने खोली बीजेपी के सर्वे की पोल, पढ़िए- कितने फीसदी जनता मोदी के साथ