नई दिल्ली। चर्चित दलित लेखक प्रदन्या पवार और दलित शिक्षाविद रावसाहेब कसाबे को छत्रपति शिवाजी महाराज पर उनकी ‘‘आपत्तिजनक’’ टिप्पणियों को लेकर एक मराठी साहित्य सम्मेलन छोड़कर जाने के लिए कथित रूप से मजबूर होना पड़ा।
यह सम्मेलन महाराष्ट्र साहित्य परिषद द्वारा सतारा जिले के पास पाटन में आयोजित किया गया था और कथित घटना रविवार को उस समय हुई जब कुछ लोगों के एक समूह ने दोनों से शिवाजी पर उनकी टिप्पणियों से मराठा समुदाय की भावनाएं ‘‘आहत’’ होने के कारण कार्यक्रम छोड़कर जाने को कहा।
कसाबे को विशेष अतिथि जबकि पवार को मनोनीत अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित किया गया था। यह कार्यक्रम बाबासाहेब अंबेडकर को समर्पित था।