सोशल मीडिया पर मुस्लिमों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने पर अब पुलिसवालों को ही परेशान करने का मामला सामने आया है। जिन पुलिसवालों ने संघ नेता को गिरफ्तार किया था उनपर ही सरकार ने हत्या की कोशिश, लूट, जोर-जबर्दस्ती करने और आपराधिक धमकी देने जैसे कई संगीन आरोप मढ़ दिए हैं। वाकया मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले का है, जहां 26 सितंबर को पुलिस ने संघ कार्यकर्ता सुरेश यादव को व्हाट्स अप पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर गिरफ्तार किया था। जब पुलिवालों ने यादव को गिरफ्तार किया था तब संघ कार्यकर्ताओं ने धमकी देते हुए कहा, “तुम्हें पता नहीं, तुम किसे हाथ लगाने का दुस्साहस कर रहे हो। हम मुख्यमंत्री को पद से हटा सकते हैं, यहां तक कि प्रधानमंत्री को भी। हम सरकार बना सकते हैं और गिरा भी सकते हैं। तुम्हारी कोई औकात नहीं। अगर हम तुम्हारी वर्दी उतरवाने में असफल रहे तो संघ छोड़ देंगे।”
पीड़ित पुलिसवालों के परिजनों ने शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक और आरक्षी महानिरीक्षक को तीन पन्नों का ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है। इन लोगों ने पुलिस के आलाधिकारियों से पूछा है कि उनके परिजनों को निष्पक्ष और भेदभाव किए बिना ड्यूटी करने पर परेशान क्यों किया जा रहा है? डीजीपी को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी नक्सलियों से ज्यादा संघ के कार्यकर्ताओं से डरते हैं। ज्ञापन में सुरेश यादव समेत संघ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने की भी मांग की गई है। यादव दो दिन पहले ही जबलपुर अस्पताल से रिहा हुए हैं। बालाघाट रेंज के आईजी जे जनार्दन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि आरोपी पुलिसवालों की पत्नियों समेत करीब 20 महिलाओं ने मुलाकात की है और शिकायत की है कि उनके पति को झूठे मुकदमें फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर रही एसआईटी को उन्होंने ज्ञापन भेज दिया है।