कन्हैया व अन्य छात्रों को हाईकोर्ट ने दी राहत

0
कन्हैया
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

नई दिल्ली : आपराधिक मामलों में लागू होने वाले प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत व किसी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के सिद्धांत एक नहीं हो सकते हैं। यह कहते हुए हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को अनुशासनहीनता के आरोप में दोषी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य व अन्य छात्रों के खिलाफ 7 नवंबर तक कार्रवाई न करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेव की पीठ ने 6 सितंबर को छात्रों को 19 अक्टूबर तक अंतरिम राहत प्रदान की थी।

इसे भी पढ़िए :  लड़के ने ऐसा क्या देखा कि लड़की ने खुद को लगा ली आग ?

सुनवाई के दौरान उमर के वकील ने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने उनके मुवक्किल पर कार्रवाई करने से पहले उन्हें नोटिस तक तामील नहीं कराया। उन्हें अपना पक्ष रखने का पर्याप्त मौका नहीं दिया गया। उन्हें यह तक नहीं बताया गया कि उनके खिलाफ जांच कमेटी बैठी है। अदालत ने छात्रों के वकील से कहा कि उन नियमों को अदालत के समक्ष पेश करें, जिनके तहत जेएनयू ने छात्रों पर कार्रवाई की है।
अगले पेज पर पढ़िए- क्या है पूरा मामला

इसे भी पढ़िए :  236 लड़कियों का पिता बना गुजरात का कारोबारी, शानदार ढंग से करवाई शादी
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse