मद्रास हाई कोर्ट ने गुरुवार को तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की मौत को लेकर सवाल उठने लगे हैं। गुरुवार को उनकी मौत की जांच संबंधी जनहित याचिका पर जस्टिस एस. वैद्यनाथन और जस्टिस पार्थिबान की वकेशन बेंच ने सुनवाई की। बेंच ने कहा कि, ‘हमें भी जयललिता की मौत पर शक है। हम मामले की सही जांच के लिए हम जरूरत पड़ने पर जयललिता के शव को कब्र से क्यों नहीं निकलवा सकते?’ इस संबंध में कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी और राज्य सरकारों को भी नोटिस देकर यही सवाल पूछा है।
जजों ने मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि जयललिता की मौत पर सवाल उठाया जाना लाजिमी है। हाई कोर्ट ने कहा कि, ‘मीडिया ने जयललिता की मौत पर संदेह जताया है। जब उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया तब कहा गया कि वह प्रॉपर डाइट पर हैं। अब इस मामले का सच सभी के सामने आना ही चाहिए।’
बता दें कि जयललिता की मौत की जांच संबंधी याचिका एआईएडीएमके पार्टी कार्यकर्ता पी.ए. जॉसेफ नाम याचिकाकर्ता ने दायर की थी। यह केस अब कोर्ट की रेग्युलर बेंच को सौंप दिया जाएगा। इस मामले में याचिककर्ता जॉसेफ की मांग है कि निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों की एक कमिटी बनाई जाए, जो कि जयललिता के उपचार के मेडिकल रेकॉर्ड्स की जांच करे।