नई दिल्ली। इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की घोषणा होते ही गोवा में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को बड़ा झटका लगा है। दरअसल गोवा में गुरुवार(5 जनवरी) को महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) ने भाजपा का दामन छोड़कर स्वतंत्र चुनाव लड़ने का ऐलान किया। राज्य में भाजपा और एमजीपी के गठबंधन की सरकार है।
एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवालिकर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य की 40 विधानसभा सीटों में से 22 पर चुनाव लड़ेगी और जल्द ही औपचारिक तौर पर आरएसएस के बागी नेता सुभाष वेलिंगकर के दल गोवा सुरक्षा मंच से गठबंधन करेगी।
धवलीकर ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को दिए एक पत्र में कहा कि उनके तीन विधायक लक्ष्मीकांत पारसेकर सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं। समर्थन वापसी के कारण भाजपा नीत सरकार के पास 23 विधायकों का समर्थन रह गया है। इसमें भाजपा के 21 और दो निर्दलीय विधायक हैं।
एमजीपी अध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि भाजपा-एमजीपी सरकार में कई मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद अपना सहयोग जारी रखा। उन्होंने कहा कि चूकि अब चुनावों की घोषणा हो चुकी है, इसलिए गठबंधन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है।
































































