दिल्ली: शिवसेना का भाजपा पर निशाना साधना जारी है। नोटबंदी, आतंकवाद और कश्मीर के बाद अब शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने तय समय से पहले बजट लाने के मोदी सरकार के फैसले पर सवाल खड़ा किया है।
उद्धव ठाकरे ने मुंबई में आयोजित राज्यव्यापी कार्यकर्ता सम्मलेन के अपने संबोधन में कहा कि ”अगर जाति-धर्म के आधार पर वोट मांगना गलत है तो चुनाव के दौरान बजट पेश करना आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं? इसी वजह से मैं राष्ट्रपति से अपील करता हूं कि जब तक घोषित चुनाव के नतीजे नहीं आ जाते, इन्हें बजट के बहाने लोगों को गुमराह करने से रोका जाए।” उद्धव ठाकरे ने अपने सांसदों से कहा है कि वे अपने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से जाकर मिलें।
आपको हम बता दें कि शिवसेना के अलावा कांग्रेस, आप और सीपीएम भी चुनाव आचार संहिता में बजट पेश किए जाने के सरकार के कदम का खुलकर विरोध कर रहे हैं। इन सभी पार्टीयों का आरोप है कि बजट के बहाने बड़ी घोषणाएं कर केंद्र सरकार मतदाताओं प्रभावित करना चाहती है। केंद्रीय बजट ठीक उस समय आने वाला है जब देश के 16 करोड़ लोग अपने-अपने राज्यों में वोट डालने के लिए मन बना रहे होंगे। ऐसे में बजट के लोकलुभावन वादों पर रोक लगाने को लेकर चुनाव आयोग के पास ज्ञापन आ चुके हैं। वहीं सरकार इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है।