दिल्ली: इस साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है।
वर्तमान परिस्थिति में समाजवादी पार्टी में मुलायम और अखिलेश के बीच दंगल चल रहा है। भाजपा जोर शोर से चुनाव प्रचार में लगी हुई है। बसपा सोशल इंजीनियरिंग के फर्मूले पर काम कर रही है। वहीं कांग्रेस राहुल गांधी की रैलियों के भरोसे मैदान में है।
इन चारों पार्टियों में सब का एक अपना जनाधार है। भाजपा भले ही कह रही है सत्ता के इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी का है। लेकिन बसपा को नरअंदाज करना मोदी एण्ड पार्टी को भारी पड़ सकता है।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने शनिवार को पार्टी उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की और दावा किया कि वो प्रदेश में ‘अकेले दम पर सरकार’ बनाएंगी।
मायावती के इस दावे पर बसपा के राजनीतिक विरोधी मजाक उड़ाते नहीं थकते हैं लेकिन राजनीति विशेषज्ञों की राय में मायावती के प्रति गंभीरता नजर आती है। विशेषज्ञ के अनुसार मायावती का वोटर ना तो चिल्लाता है और ना ही चुनाव में उत्साह दिखाता लेकिन वो चुनाव के परिणाम में चौंकाने वाला रिजल्ट देता है।