दागी कंपनी से नोट छपाई पर सरकार ने दी सफाई

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कैश ट्रांजैक्शन
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय हितों से समझौता करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार(17 जनवरी) को मोदी सरकार पर हमला बोला। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार काली सूची में डाली गई नोट छापने वाली ब्रिटिश कंपनी डे ला रू के साथ साझेदारी कर रही है।

इसपर वित्त मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया में इस तरह की खबरें आई हैं कि सरकार ने ब्रिटेन की कंपनी के साथ नोट प्रिंटिंग के काम में राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता किया है। मंत्रालय ने कहा कि 2013 में लिए गए एक निर्णय के मुताबिक ब्रिटिश कंपनी को दिसंबर 2015 तक नोटों के सिक्यॉरिटी फीचर्स की सप्लाई का आदेश मिला था।

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सरकार ने साफ किया कि पिछले तीन सालों के दौरान सरकार की तरफ से इस कंपनी को कोई नया कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया गया है। इस कंपनी की सुरक्षा मंजूरी पर वित्त मंत्रालय की तरफ से रोक लगाई गई है और इस वजह से 2014 के बाद से इसे कोई नया आदेश नहीं दिया गया है। इसके अलावा ब्रिटिश कंपनी ने भी कांग्रेस के इन आरोपों का खंडन किया है।

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