दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से लापता बदायूं के छात्र नजीब मामले अहमद के परिवार ने रविवार को दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि बदायूं में उनके मकान पर सुबह की छापेमारी के दौरान उनको परेशन किया गया। पुलिस ने इस आरोप से इंकार करते हुए कहा कि वह नजीब को लेकर मिले सुराग पर काम कर रही है।
परिवार के एक सदस्य ने दावा किया है कि आज तड़के सुबह करीब चार बजे दिल्ली पुलिस के जवान बदायूं की स्थानीय पुलिस के साथ पहुंचे और अशरफ कादरी (नजीब के मामा) के घर में घुस गए। करीब 50 पुलिसकर्मी घर में जबरन घुसे थे। पुलिस के लोगों ने धमकी दी कि अगर परिवार के लोगों ने नजीब को कहीं छिपा रखा है तो उसे सामने लाएं। उन्होंने नजीब के 90 साल के नाना को भी परेशान किया।
दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव ने कहा है कि तलाशी अभियान हर संभावित स्थान पर चलाया जा रहा है। आज सुबह हमारी टीम ने बदायूं पुलिस के साथ उचित तलाशी ली। डीसीपी ने खुद टीम का नेतृत्व किया।
गौरतलब हो कि नजीब जेएनयू में बायोटेक्नालॉजी का छात्र था। जेएनयू कैंपस स्थित माही-मांडवी हॉस्टल में रहने वाले नजीब का 14 अक्तूबर को एबीवीपी सदस्यों के साथ कथित मारपीट हुई थी। जिसके बाद से नजीब लापता है। इस मामले में जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है। पुलिस ने नजीब के बारे में जानकारी देने पर 10 लाख रूपये के इनाम का ऐलान भी किया है। लेकिन तीन महीने बीत चुके हैं, और अब तक नजीब का कोई सुराग नहीं लगा है। नजीब के परिवार वाले मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक उसकी बरामदगी की फरियाद कर चुके हैं।