बृहन्न मुंबई नगर पालिका (BMC) चुनाव में पल-पल समीकरण बदल रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर शिवसेना और कांग्रेस हाथ मिला लेते हैं तो बीजेपी चुनाव में जीतकर भी हार जाएगी। बेशक बीजेपी ने मुंबई में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 82 सीटों पर जीत हासिल की हो, लेकिन जीत का सेहरा बीजेपी के सिर सजेगा इसका फैसला कांग्रेस करेगी। यही नहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिवसेना और कांग्रेस के बीच अंदरखाने बातचीत भी चल रही है। ऐसे में पूरा खेल कांग्रेस के हाथ में है, और कांग्रेस की मंशा बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की है।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने बृहन्न मुंबई नगर पालिका (BMC) के चुनाव में शिव सेना का समर्थन करने का विरोध किया है। चौहान ने कहा कि जब तक शिव सेना राज्य सरकार में शामिल है तब तक कांग्रेस शिव सेना का समर्थन नहीं करेगी। दूसरी ओर मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक शिवसेना ने मेयर पद पर कब्जे के लिए कांग्रेस से समर्थन मांगा है। लेकिन कांग्रेस ने भी एक शर्त रख दी है। सूत्रों के अनुसार, नौ मार्च को होने वाले मेयर के चुनाव में समर्थन के बदले में उसने कांग्रेस को डिप्टी मेयर का पद देने का वादा किया है।
कांग्रेस ने एक तीर से दो निशाना साधा है। शिवसेना के समर्थन से ही फडणवीस सरकार सत्ता में है। अगर शिवसेना अपना समर्थन वापस ले लेती है तो फडणवीस सरकार अल्पमत में आ जाएगी। ऐसे में फडणवीस सरकार के सामने बहुमत का संकट आ जाएगा और बीएमसी में शिवसेना को समर्थन देकर वह भी सत्ता में आ जाएगी।
बेशक कांग्रेस को BMC चुनाव में 31 सीटें मिली हों लेकिन सरकार बनाने में कांग्रेस बड़ा रोल अदा करेगी। कांग्रेस को भी अपनी कीमत का एहसास हो चुका है, यही वजह है कि कांग्रेस ने भी मौके पर चौका मारते हुए बीजेपी से शर्त रखी है कि पहले राज्य में बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार गिराओ, फिर हम शिवसेना को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। ऐसे में अगर शिवसेना राज्य में बीजेपी के समर्थन वाली सरकार गिराती है,तो बीजेपी को दोहरा बड़ा झटका लग सकता है।
गौरतलब है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर पहले ही बैठक हो चुकी है लेकिन ये बैठक बेनतीजा रही है, दोनों पार्टियों में मेयर के पद को लेकर घमासान है। ऐसे में शिवसेना और बीजेपी के बीच मेयर पद की बंदरबांट चल रही है और कांग्रेस उस बंदर की तरह है जो दोनों हाथों में लड्डू लिए बैठी है, हो भी क्यों ना… मौका जो इतना बेहतर मिला है।
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