भाई को ठीक कराने के लिए 10 साल की बच्ची की चढ़ा दी बलि, तांत्रिक ने व्हॉट्स के जरिए फाइनल की थी लड़की

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बच्ची
आयशा मोहम्मद नरूला की फाइल फोटो, साभार
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बेंगलुरु : मगदी में पिछले सप्ताह गायब हुई 10 वर्षीय बच्ची की हत्या के पीछे डराने वाला सच सामने आया है। पुलिस के मुताबिक बच्ची का अपहरण और उसकी हत्या नरबलि के लिए की गई। पुलिस ने यह जानकारी बच्ची की हत्या में पकड़े गए चार आरोपियों से की गई पूछताछ के आधार पर दी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में मोहम्मद वासी (42), इनकी बहन रसुद्दीनिशां (37), खुद के जादूगरनी होने का दावा करने वाली नसीमा ताज (33) और एक 17 वर्षीय नाबालिग शामिल है। आरोप है कि इन चारों ने मिलकर होसा मसीदी मोहल्ला निवासी मृतका बच्ची आयशा मोहम्मद नरूला को अगवा किया। सूत्रों के मुताबिक वासी और उनकी बहन अपने बड़े भाई को ठीक करने के लिए बेंगलुरु निवासी नसीमा ताज से मिले, ताकि वह जादू-टोना से उनके भाई को ठीक कर सके। उनके भाई को फरवरी में पैरालिस्टिक अटैक हुआ था।

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आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि बेंगलुरु के जेजे नगर में रहने वाली आरोपी जादूगरनी ने नसीमा ने रसुद्दीनिशां से कहा था कि अगर वह 45 दिन के अंदर एक 10 साल की लड़की की बलि नहीं देंगे तो उनका भाई मर जाएगा। इस पर वासी को लगा कि उनके कज़िन की 10 साल की बेटी इस बलि के लिए एकदम सही है। इस पर वासी ने आयशा की फोटो खींचकर नसीमा को वॉट्सऐप पर भेज दी। इस पर नसीमा ने सहमति जता दी। बताया जा रहा है कि वासी और उसके कज़िन के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा है। जिस कारण उसने आयशा की बलि का कदम उठाया।
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