अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बन चुके हैं। राज्य सरकार की वेबसाइट से उनकी फोटो और प्रोफाइल को इनएक्टिव कर दिया गया है। हालांकि अखिलेश यादव का नाम लिखा है लेकिन उसे क्लिक करने का कोई फायदा नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री बनते ही राज्य सरकार के इंटरनेट सेल ने उन्हें गुडबॉय बोल दिया है। नए मुख्यमंत्री का नाम, फोटो, प्रोफाइल अगले 2-3 दिन में वहां लग जाएगा। क्या राज्य का नया मुख्यमंत्री बनते ही समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा चलाई जा रही बड़ी आर्थिक और सामाजिक योजनाओं का लिंक भी काट दिया जाएगा?
जानिए, नए सीएम को किन योजनाओं को बंद करने अथवा चालू रखने का लेगा होगा फैसला:
- फ्री लैपटॉप डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम: अब यूपी में फ्री नहीं रहेगा लैपटॉप
- जनेश्वर मिश्रा ग्राम योजना
- कन्या विद्याधन योजना
- लोहिया रूरल हाउसिंग स्कीम
- 108 समाजवादी एंबुलेंस सेवा
- समाजवादी आवास योजना
- समाजवादी पेंशन स्कीम
- समाजवादी श्रवण यात्रा
- समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना
- राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना
इन परियोजनाओं के अलावा समाजवादी पार्टी की सरकार ने प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बड़ी और खर्चीली योजनाओं को शुरू किया था। योजनाएं जैसे सभी जिलों को 4 लेन रोड ले जोड़ना, लखनऊ मेट्रो, सभी शहरों में साइकिल ट्रैक का निर्माण एंव संचालन इत्यादि इसमें शामिल हैं। अब राज्य में बीजेपी की नई सरकार को इन सभी परियोजनाओं का आंकलन करते हुए इन्हें बंद करने अथवा चालू रखने पर अहम फैसला लेना है।