बॉम्बे हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस ने बीते बुधवार (29 मार्च) को मंजुला छेल्लूर ने कोर्ट में पत्रकारों की एंट्री को लेकर एक अजीब सवालिया निशान खड़ा कर दिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट में क्या पत्रकारों को जीन्स-टी शर्ट में कोर्ट आना चाहिए? चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या पत्रकारों का कोर्ट रूम में जीन्स-टी शर्ट पहना कोर्ट के डेकोरम के लिए सही है?
चीफ जस्टिस मंजुला चेल्लूर और जी एस कुलकर्णी ने यह डॉक्टरों के काम पर न पाए जाने के खिलाफ एक याचिका सुनते हुए इस बात पर ध्यान दिया कि कोर्ट कार्यवाही कवर करते पत्रकारों ने क्या पहना हुआ है।
चीफ जस्टिस ने सवाल करते हुए कहा- “क्या यही मुंबई का कल्चर है ?” वहीं सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने हड़ताल मामले में कोर्ट रूम में सिओन अस्पताल के वकील सुरेश पाकले से पूछा कि क्या इस ड्रेस कोड(जीन्स-टी शर्ट) पहनने की सराहना होनी चाहिए ? जिसके बाद पाकले ने “नहीं” का जवाब दिया। पकालें ने जब न में जवाब दिया तो जज ने सवाल खड़ा किया की क्या इस तरह के परिधान कोर्ट में शोभा देते हैं? पकालें ने फिर से न ही जवाब दिया।
हालांकि कोर्ट ने कोई निर्देश नहीं दिया लेकिन आपत्ति ज़रूर जताई। दोनों ही जज पत्रकारों के जीन्स टीशर्ट से काफी नाखुश दिखे। यह पहली बात है जब किसी कोर्ट में पत्रकारों या किसी के भी पहनावे को लेकर असंतोष जताया है।