‘शराबबंदी’ की ओर अग्रसर छत्तीसगढ़ सरकार ने पास किया शराब बेचने का कानून

0
शराबबंदी
प्रतिकात्मक इमेज
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

गुरुवार को रायपुर में विधानसभा ने आबकारी संशोधन विधेयक पास कर प्रदेश में एक अप्रैल से शराब की दुकानों के संचालन पर मुहर लगा दी है। विधानसभा में चार घंटे की गरमागरम चर्चा के बावजूद नए आबकारी संशोधन नियम पर सरकार 33 के मुकाबले 49 वोटों से जीत गई। विपक्ष ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि जब सरकार ने यह तय कर लिया है वह शराब बेचेगी तो फिर उसे सट्टा, जुआ और देह व्यापार के लिए भी कानून बना देना चाहिए। विधेयक पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक के बाद मत विभाजन की स्थिति बनी।

इसे भी पढ़िए :  मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए, भारी मात्रा में शस्त्र बरामद

 

नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित अन्य की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर वोटिंग की व्यवस्था दी थी। यही नहीं, इस विधेयक की धारा 18 क में संशोधन का प्रस्ताव भी बहुमत से खारिज कर दिया गया।

इसे भी पढ़िए :  छत्तीसगढ़ में सात महिला समेत 38 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

 

विधेयक सर्वसम्मति से पारित करने का आग्रह करते हुए आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार शराबबंदी की ओर अग्रसर है,लेकिन इससे पहले होने वाली कमाई तीन-चार बड़े ठेकेदारों के जेब में जाने नहीं देंगे। मंत्री ने 2001 में लाए गए विधेयक के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार प्रदेश में शराब ठेकेदारों का राज कुचलने के लिए विधेयक लाकर व्यवस्था दी है।

इसे भी पढ़िए :  छत्तीसगढ़ चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में नहीं पेश करेगी कांग्रेस : पी.एल. पुनिया

अगली स्लाइड में पढ़ें बाकी की खबर

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse