गुरुवार को रायपुर में विधानसभा ने आबकारी संशोधन विधेयक पास कर प्रदेश में एक अप्रैल से शराब की दुकानों के संचालन पर मुहर लगा दी है। विधानसभा में चार घंटे की गरमागरम चर्चा के बावजूद नए आबकारी संशोधन नियम पर सरकार 33 के मुकाबले 49 वोटों से जीत गई। विपक्ष ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि जब सरकार ने यह तय कर लिया है वह शराब बेचेगी तो फिर उसे सट्टा, जुआ और देह व्यापार के लिए भी कानून बना देना चाहिए। विधेयक पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक के बाद मत विभाजन की स्थिति बनी।
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित अन्य की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर वोटिंग की व्यवस्था दी थी। यही नहीं, इस विधेयक की धारा 18 क में संशोधन का प्रस्ताव भी बहुमत से खारिज कर दिया गया।
विधेयक सर्वसम्मति से पारित करने का आग्रह करते हुए आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार शराबबंदी की ओर अग्रसर है,लेकिन इससे पहले होने वाली कमाई तीन-चार बड़े ठेकेदारों के जेब में जाने नहीं देंगे। मंत्री ने 2001 में लाए गए विधेयक के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार प्रदेश में शराब ठेकेदारों का राज कुचलने के लिए विधेयक लाकर व्यवस्था दी है।
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