दिल्ली:
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एम्बुलेंस के लिए रात भर इंतजार के बाद शव को रिक्शा में अस्पताल पहुंचाने का मामला सामने आया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर घरघोडा के निकट भेन्द्रा गांव में मंगलवार शाम रामलाल राठिया (40) की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हो गई थी। राठिया जब शाम अपने मवेशियों के लिए घास काटने खेत गया था तब यह घटना हुई।
घरघोड़ा थाना के थानेदार डीएल मिश्रा ने बताया कि मृतकों के परिजनों ने इस हादसे की सूचना कल शाम सात बजे थाने में दी और शव का पंचनामा आज सुबह हुआ। नियम के अनुसार रात में पंचनामा की कार्रवाई नहीं होती है।
मिश्रा ने बताया कि मृतक के परिजन आज शव को तीन किलोमीटर दूर घर के रिक्शा से अस्पताल ले गए और पोस्टमार्टम के बाद शव को उसी रिक्शा से वापस घर लाए। अस्पताल में शव वाहन नहीं था। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
इधर, घरघोडा के अनुविभागीय दंडाधिकारी विनीत नंदनवार ने एम्बुलेंस के लिए शव का इंतजार करने के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि मृतक के परिजनों ने एम्बुलेंस के लिए सूचना ही नहीं दी है।
नंदनवार ने बताया कि जैसे ही जिला प्रशासन को घटना की जानकारी मिली तब तहसीलदार द्वारा मृतक के परिवार को अंतिम संस्कार के लिए शासन की ओर से 10 हजार रूपए की राशि उपलब्ध करा दी गई। वहीं कलेक्टर अलरमेलमंगई डी ने दो दिन के अंदर परिवार को चार लाख रुपए की मुआवजा राशि प्रदान करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।
अधिकारी ने बताया कि मृतक के परिजन समारू लाल राठिया ने बताया कि घर में स्वयं का रिक्शा होने के कारण शव को ले जाने के लिए शासकीय वाहन संजीवनी एक्सप्रेस 108 की मांग नहीं की गई।