उत्तरप्रेदश के सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद चर्चा में आई भीम आर्मी पर दंगा फैलाने का आरोप लग रहा है। इसी से नाराज तीन गांव के 180 परिवारों ने सामूहिक रूप से हिंदू धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया है। गांव वालों का कहना है कि पुलिस प्रशासन भीम आर्मी को बदनाम करने के लिए साजिश के तहत दंगा फैलाने का आरोप लगा रही हैं। इनका कहना है कि दलित समाज का उत्पीड़न हो रहा है और भीम आर्मी के खिलाफ हो रही कार्रवाई भी गलत है, जिसके विरोध में ये हिन्दू धर्म छोड़ रहे हैं।
क्षेत्र के गांव रुपड़ी, कपूरपुर, ईघरी, उनाली और बाढ़ी माजरा के दलित परिवारों के अनेक लोग गुरुवार को मानकमऊ पर स्थित बड़ी नहर के छठ पूजा घाट पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इन लोगों का कहना था का सहारनपुर में हुर्ई हिंसा के मामले में भीम आर्मी और दलित समाज के लोगों के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, उससे वह काफी निराश हैं और पूरे समाज में इसको लेकर जबरदस्त आक्रोश है। भीम आर्मी के लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। दलित समाज के लोगों का उत्पीड़न हो रहा है। हमारी गिनती हिन्दुओं में होती है, लेकिन कोई सुविधा नहीं मिलती। उनके द्वारा हिन्दू धर्म त्यागने का भी ऐलान किया गया।
दलित परिवारों ने अपने घरों में रखी भगवानों की मुर्तियां और तस्वीरें नदी में प्रवाहित कर दी। गांव वालों का आरोप है कि पुलिस साजिश के तहत भीम आर्मी को बदनाम करने के लिए दंगा फैलाने का आरोप लगा रही है। जब गांव वाले पानी में मूर्तियां प्रवाहित कर रहे थे तब पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन वो लोग नहीं माने।
जानकारी के अनुसार लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाते हुए लिखित रूप में पुलिस अधिकारियों से कहा है कि वो हिंदू धर्म में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने यह भी धमकी दी है कि भीम सेना के लोगों को अगर जल्द आजाद नहीं किया गया तो पूरे जिले के लोग बौद्ध धर्म अपना लेंगे।