रात में चलाती है परांठे की दुकान, दिन में तैयार करती है PhD की थीसिस

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केरल
सोर्स आज तक

वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी। जहां चाह है, वहां राह है। मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। इस बात को एक कपल ने सच कर दिखाया है। जिन्होनेे अपनी जिंदगी में बहुत कठिनाओं का सामना किया है। स्‍नेहा अपने पति के साथ केरल में रहती हैं।  स्‍नेहा अपने पति के साथ केरल में रहती हैं। स्‍नेहा का पति सोशल वर्क में ग्रेजुएट है पर जब स्‍नेहा को पीएचडी करने का मौका मिला तो उसने उसका पूरा साथ देने की ठानी। पति अपने पत्नी की पढ़ाई के लिए दिन में काम पर जाता है, और रात में अपनी पत्नी के साथ परांठे बना के बेचता है।

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दरअसल स्नेहा के पति दिल्ली के CAG कंपनी ऑफिस में नौकरी करता था, जिसके बाद उसे पता चलता है कि मेरी पत्नी को PHD करने का मौका मिला है। तो वह CAG कंपनी ऑफिस से नौकरी छोड़ दी। जिससे वो स्नेहा के साथ रह सके। इन दोंनों ने मिसाल पेश करते हुए PHD की फीस अदा करने के लिए रात में परांठे की दुकान चलानी शुरू कर दी। जिससे दोंनों रात में परांठे, ऑमलेट और डोसा बनाकर बेचते हैं।

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टाइम्‍स ऑफ इंडिया से प्रेमशंकर ने कहा, ‘इससे ना केवल हमारी दैनिक आवश्‍यकताएं पूरी होती हैं। और साथ ही हम पैसा भी बचाते हैं। जिससे स्‍नेहा साइंटिस्‍ट बन सके। हालांकि इन दोनो की शादी को 6 साल हो गये ंहै। और इन दोनो ने एक दुसरे के लिए काफी कुछ छोड़ा है। और अब दोंनों ही बहुत खुश रहते हैैं। स्‍नेहा अब यूनिवर्सिटी के बाद सीधे पति को सपोर्ट करने पहुचंती है। दोनों मिलकर परांठे, ऑमलेट और डोसा बेचते हैं।

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