एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया ने लागत कम करने के लिए अपनी इंटरनेशनल फ्लाइट्स में इकॉनोमी क्लास के यात्रियों को खाने में सलाद देने पर रोक लगा सकती है। साथ ही कंपनी फ्लाइट में रखी जाने वाली न्यूज और बिजनेस मैग्जीनों की संख्या भी कम कर सकती है।
यह वह कुछ कदम हो सकते हैं जिनका प्रस्ताव एयर इंडिया के कर्मचारियों ने लागत घटाने के लिए किया है। एयर इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी लोहानी ने एक आंतरिक संवाद में कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव को कड़े शब्दों में कमर्शियल फॉर्मेट्स अपनाने को कहा था। इसी क्रम में कंपनी के टॉप एग्जीक्यूटिवस ने लागत कम करने के कई उपाय सुझाए हैं।
सरकार एयर इंडिया के निजीकरण पर विचार कर रही है और उसने कंपनी को किसी तरह का राहत पैकेज देने से भी इंकार कर दिया है। लोहानी ने कहा कि कंपनी के ऊपर चढ़ा भारी कर्ज उसकी स्थिति को कमजोर करता है।
इसके बाद केबिन क्रू के एक प्रभारी समेत एक सीनियर ऑफिसर ने लोहानी को पत्र लिखकर कहा है कि, आज मेरी उड़ान के दौरान साथ काम कर रहे केबिन क्रू प्रभारी ने लागत घटाने का सुझाव देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में हम इकोनॉमी क्लास के पैसेंजर के खाने से सलाद हटा सकते हैं, क्योंकि केवल 20 परसेंट पैसेंजर ही सलाद खाते हैं। इसी तरह फ्लाइट में ले जाई जाने वाली पत्रिकाओं की क्वांटिटी को भी कम किया जा सकता है, जिससे फ्लाइट के कुल वजन में कमी आएगी और इससे ईंधन की लागत में कटौती होगी।
ऑफिसर ने सुझाव दिया कि फ्लाइट में हर सीट पर पत्रिका रखे जाने के बजाय केवल 25 प्रतियां मैगजीन स्टैंड पर रख दी जाएं। इससे विमान के वजन में कमी आएगी और ईंधन की लागत कम होगी। ऑफिसर ने उदाहरण देते हुए बताया कि एक एविएशन कंपनी ने फ्लाइट के पर्दे और हुकों को हटाया, जिससे उसका वजन घटा और ऑपरेशन लागत में कमी आयी।