भारतीय स्टेट बैंक ने 63 कर्जदारों का 7016 करोड़ रुपये का बकाया लोन को डूबा हुआ मान लिया है। इन 63 कर्जदारों में शराब कारोबारी विजय माल्या भी शामिल हैं। ये राशि 100 लोन डिफाल्टरों पर बाकी कुल राशि का करीब 80 प्रतिशत है। माल्या पर विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये बकाया है। वो अभी देश से फरार हैं।
जिन कर्जदारों का लोन डूबा हुआ माना गया है, उनमें टॉप 20 में किंगफिशर एयरलाइंस (1201 करोड़),केएस ऑयल (596 करोड़), सूर्या फार्मास्यूटिकल्स (526 करोड़), जीईटी पावर (400 करोड़) और साई ईन्फो सिस्टम (376 करोड़) हैं। हालांकि बैंक का कहना है कि यह एक कॉमर्शियल निर्णय है और इसका मोदी सरकार के नोटबंदी से कोई संबंध नहीं है। भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य अरुंधति भट्टाचार्य ने ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ से कहा कि ये डूबा हुआ नहीं माना जाएगा। इन्हें उन खातों में डाला गया है, जिस खाते को एकाउंट्स अंडर कलेक्शन कहा जाता है। प्रबंधन द्वारा मासिक समीक्षा और बोर्ड द्वारा तिमाही समीक्षा सहित इन सभी ऋणों की वसूली के लिए एक बहुत मजबूत प्रक्रिया है।
एसबीआई के 63 डिफाल्टरों का पूरा कर्ज छोड़ दिया है। वहीं 31 कर्जदारों का लोन आंशिक तौर पर छोड़ा गया है। 30 जून 2016 तक एसबीआई 48 हजार करोड़ रुपये का बैड लोन माफ कर चुका है।