महाराष्ट्र: मालेगांव की सत्ता पर काबिज होने के लिए कांग्रेस और शिवसेना ने मिलाया हाथ

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मालेगांव
Source: Jansatta

एक दूसरे की धुर-विरोधी पार्टीयां कांग्रेस और शिवसेना महाराष्ट्र की मालेगांव महानगरपालिका की सत्ता पर काबिज होने के लिए साथ आए हैं। ऐसा पहली बार हुआ जब दोनों पार्टियों ने मालेगांव के लिए एक-दूसरे से हाथ मिलाया है।

 

खबर है कि इस समझौते के मुताबिक कांग्रेस को महापौर का पद दिया गया जबकि शिवसेना को डिप्टी मेयर का पद दिया गया। यहां कांग्रेस के पूर्व विधायक शेख रशीद ने मेयर पद के लिए दावेदारी पेश की वहीं शिवसेना के सखाराम घोडके ने डिप्टी मेयर पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस चुनाव में शिवसेना ने कांग्रेस का मेयर बनाने में उनका साथ दिया वहीं बदले में कांग्रेस ने डिप्टी मेयर पद के लिए शिवसेना का साथ दिया। 84 सदस्यों की सीटों वाले मालेगांव में महापौर पद के लिए बुधवार (14 जून, 2017) को चुनाव हुए। मालेगांव चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। यहां पार्टी ने 28 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 20 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि जनता दल को 6 सीटों पर जीत हासिल मिली और शिवसेना ने 13 सीटों पर जीत हासिल की। इस दौरान यहां भाजपा का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। यहां पार्टी को महज 9 सीटों पर कामयाबी हासिल हुई।

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कांग्रेस के शेख रशीद को जहां 41 वोट मिले वहीं एनसीपी-जनता दल गठबंधन के उम्मीदवार नबी अहमद को 34 वोट मिले। शिवसेना के सखाराम घोडके को भी 41 वोट हासिल हुए। सिसमें कांग्रेस के 28 पार्षदों ने घोडके के ही पक्ष में मतदान किया। दूसरी तरफ चुनाव से ठीक पहले भाजपा के सुनील गायकवाड़ ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। इस दौरान ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के 7 पार्षद तटस्थ रहे जबकि भाजपा के दो पार्षद उपस्थित नहीं रहे।

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