पश्चिम बंगाल पुलिस ने गुरुवार सुबह गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुंग के दार्जिलिंग स्थित आवास पर छापा मारा है। पुलिस भारी बल के साथ उनके घर पहुंची थी। बंगाल पुलिस के साथ-साथ CIF भी वहां पहुंची। यह छापा दार्जिलिंग के SP अखिलेश चतुर्वेदी की अगुवाई में लगा। बिमल गुरुंग के घर पुलिस छापे के बाद उनके समर्थक भड़क गए हैं, कई समर्थकों ने कलिमपोंग जिले के पेडोंग थाने में आग लगा दी है।
हालांकि गुरुंग उस समय अपने घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन पार्टी की कई महिला कार्यकर्ता वहां मौजूद थी। छापेमारी के दौरान पुलिस करीब आधे घंटे तक वहां मौजूद रही और छानबीन करती रही। पुलिस ने वहां से तीर-कमान, खुर्खी, चाकू समेत कई हथियार बरामद किए गए।
इस प्रकार के सामान मिलने पर GJM नेता बिनय तमंग ने कहा कि इस प्रकार के तीर-कमान और चाकू हमारे परंपरा का हिस्सा है। हम लोग आदिवासी हैं इसलिए इस प्रकार के हथियार हमारे पास हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले दार्जिलिंग में चल रहे राजनीतिक संकट ने नया मोड़ ले लिया है जहां जीएनएलएफ ने आंदोलन में जीजेएम से हाथ मिलाने के बाद टीएमसी से गठबंधन तोड़ लिया है। पार्टी ने कहा कि वह गठन के बाद से ही गोरखालैंड के लिए लड़ रही है। गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट के साथ गठबंधन से उत्साहित गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुंग ने अलग गोरखालैंड के लिए आंदोलन को तेज करने की धमकी दी। वहीं सरकारी कार्यालयों और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के कार्यालयों में आज तीसरे दिन भी बंद रहा।
तेज तर्रार नेता सुभाष घिसिंग के नेतृत्व में बने जीएनएलएफ ने अस्सी के दशक में गोरखालैंड के लिए हिंसक आंदोलन की शुरुआत की थी जिसके बाद दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल का गठन किया गया था। गुरुंग जीएनएलएफ से अगल हो गए थे और 2007 में जीजेएम की स्थापना की थी और इसके बाद वह पहाड़ों में बड़ी ताकत के रूप में उभरे थे।