गुरमीत राम रहीम को आज सीबीआई की विेशेष अदालत ने यौन शोषण मामले में धारा 376, 511, 501 के तहत दस साल जेल की सजा सुनाई है।गुरमीत राम रहीम को कैदी नंबर 1997 से जाना जाएगा। कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपना अपना पक्ष रखने के लिए दस-दस मिनट का समय दिया। सीबीआई की तरफ से पेश हुए वकील ने राम रहीम के लिए कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की थी, जबकि बचाव पक्ष कम से कम सजा की मांग कर रहा था। जानकारी के मुताबिक कोर्ट रूम में राम रहीम जज से रहम की मांग कर रहे थे।
इससे पहले राम रहीम के वकील ने दलील दी कि राम रहीम समाजसेवी हैं इसलिए उन्हें कम से कम सजा मिले। राम रहीम ने कोर्ट से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें छोड़ दिया जाए। वहीं सीबीआई अधिवक्ता ने कहा कि बाबा का अपराध बड़ा है इसलिए उन्हें अधिक से अधिक सजा मिलनी चाहिए।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई के विशेष जज जगदीप सिंह ने फैसला पढ़ना शुरू किया। इस दौरान राम रहीम जज द्वारा कहे जाने वाले एक एक शब्द को बड़े ध्यान से सुनते नजर आए। राम रहीम के पक्ष ने कोर्ट में राम रहीम द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को गिनाया गया।