टाटा ग्रुप ने कहा है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद बिजनेस को लेकर हुए कई फैसलों को लेकर आरोप लगाए गए हैं। जब भी इन फैसलों को लेकर रिकॉर्ड सामने आएंगे तब सारी बातें साफ हो जाएंगी। ऐसी कोशिशें की जा रही हैं कि लोगों और कंपनी बोर्ड पर कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों के उल्लंघन से जुड़े झूठे आरोप लगाए जाएं लेकिन ये तब भी जारी थे जब पूर्व चेयरमैन जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
टाटा ग्रुप ने कहा है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मि. मिस्त्री बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का भरोसा बनाए रखने में कई कारणों से विफल रहे। बिजनेस के कई मुद्दों पर टाटा सन्स बोर्ड की ओर से लगातार चिंता जताई गई। इसके अलावा टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने भी बढ़ते अविश्वास के मामले को लगातार उठाया लेकिन मि. मिस्त्री इनका समाधान करने में सफल नहीं रहे। इसके बाद टाटा सन्स बोर्ड ने सामूहिक रूप से एक फैसला लिया अपने चेयरमैन को बदलने को लेकर। ये फैसला पूरी प्रक्रिया के अनुरूप लिया गया।
टाटा समूह के बयान में कहा गया है कि इस बात को किसी भी तरीके से भुलाया नहीं जा सकता कि मि. मिस्त्री ने कर्मचारियों की निगाह में समूह की छवि को खराब करने की कोशिश की। एक व्यक्ति के नजरिए को सही साबित करने के लिए गोपनीय बातों को सार्वजनिक किया गया। कंपनी के रिकॉर्ड्स ये दिखाते हैं कि मि. मिस्त्री के आरोप बेबुनियाद हैं और जब भी जरूरत होगी सही मंच पर इन रिकॉर्ड्स को रखा जाएगा।