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गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की यूनियन दी यूनाइटेड फोरम ऑफ रिजर्व बैंक ऑफीसर्स एंड एम्पलाईज ने गवर्नर उर्जित पटेल को पत्र लिखा है कि नोटबंदी के बाद की घटनाओं और इस आरोप से कर्मचारी ‘अपमानित’ अनुभव कर रहे हैं कि करेंसी के मामले में समन्वय के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति कर सरकार केंद्रीय बैंक के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही हैं।
कर्मचारियों ने लिखा है कि ‘यदि ऐसा है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और हमें सरकार के इस कदम के खिलाफ कड़ा फैसला लेना चाहिए। यह आरबीआई की स्वायत्तता में दखल जैसा है।’ पत्र में कहा गया, ‘कठिन परिस्थितियों में आरबीआई के ऑपरेशंस की तारीफ किए जाने की बजाय सरकार हमारे कार्यक्षेत्र में दखल दे रही है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।’
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