नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के काम में दखलंदाजी के बारे में वहां की एक यूनियन और विपक्षी पार्टियों के आरोप को खारिज करते हुए शनिवार(14 जनवरी) को एक बयान में कहा गया है कि ‘सार्वजनिक महत्व के विभिन्न मामलों में जहां कहीं भी कानूनी तौर पर या परंपरा के तहत सरकार और आरबीआई के बीच परामर्श की जरूरत होती है, परामर्श होते रहते हैं।’
मंत्रालय ने कहा है कि ‘कानून के तहत या परम्परा के रूप में स्थापित परामर्श को आरबीआई की स्वायत्तता में हस्तक्षेप के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।’ सरकार आरबीआई का पूरा सम्मान करती है। आपको बता दें कि इस मामले में विपक्षी पार्टियों सहित केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने भी सरकार की कड़ी आलोचना की है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, कानून के दायरे में दी गई सलाह और पुराने नियमों से काम के निपटारे को सरकार की ओर से आरबीआई के कामकाज में दखल नहीं कहा जा सकता। वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘यह बात स्पष्ट रुप से कही जा रही है कि सरकार भारतीय रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का पूरा सम्मान करती है।’
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