स्कूल बैग, इंसुलिन, मूवी टिकट, अगरबत्ती और अचार-मुरब्बा सहित 66 वस्तुएं प्रस्तावित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने पर सस्ती हो सकती हैं। जीएसटी काउंसिल ने रविवार को अपनी 16वीं बैठक में इन वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर में कमी करने का फैसला किया। काउंसिल के इस कदम से आम लोगों के उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स का बोझ कम होगा। काउंसिल ने जीएसटी कंपोजीशन स्कीम के तहत सालाना कारोबार की प्रस्तावित सीमा 50 लाख को बढ़ाकर 75 लाख रुपये करने का फैसला भी किया है। इससे छोटे व मध्यम कारोबारियों और रेस्तरां चलाने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।
75 लाख रुपये तक टर्नओवर वाले रेस्ट्रॉन्ट्स, मैन्युफैक्चरर्स और ट्रेडर्स कंपोजिशन स्कीम का लाभ ले सकेंगे, जिसमें रेट्स क्रमश: 5, 2 और 1 प्रतिशत होगी। इसमें कंप्लायंस भी कम होगा। पहले टर्नओवर की लिमिट 50 लाख रुपये रखी गई थी। टेक्सटाइल्स और जेम्स ऐंड जूलरी सेक्टरों में मैन्युफैक्चरिंग या जॉब वर्क की आउटसोर्सिंग पर 5 पर्सेंट जीएसटी लगेगा। मानव बाल की ब्लीचिंग और सफाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह मिदनापुर में एक बड़ा उद्योग है।
काउंसिल के अध्यक्ष वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया, ‘फिटमेंट कमिटी की सिफारिशों पर गौर करने के बाद 66 आइटम्स पर टैक्स रेट्स घटाए जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘133 प्रतिवेदन मिले थे। इन पर गइराई से विचार कया गया।’
जेटली ने कहा, ‘हमारी ओर से तय सभी रेट्स का वेटेड ऐवरेज आज जो हम लोग टैक्स चुका रहे हैं, उसके मुकाबले काफी कम है।’ उन्होंने कहा कि अगर बाकी चीजों में बदलाव नहीं आया तो राजस्व के मामले में नकारात्मक असर पड़ेगा, ‘लेकिन हम राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद भी कर रहे हैं। उम्मीद है कि महंगाई पर लगाम कसेगी और जीएसटी से हमारे नुकसान की भरपाई हो जाएगी।’
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