नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व बैंक की तरफ से नोटबंदी के फैसले पर संसद की एक समिति को भेजे पत्र में कहा गया है कि सरकार ने उसे 7 नवंबर 2016 को 500 और 1000 का नोट बंद करने की सलाह दी थी। जिसके बाद ही केंद्रीय बैंक के बोर्ड ने इसके अगले दिन ही नोटबंदी की सिफारिश की।
रिजर्व बैंक ने संसद की विभाग संबंधी वित्त समिति को भेजे सात पेजों के नोट में कहा है कि सरकार ने रिजर्व बैंक को 7 नवंबर, 2016 को सलाह दी थी कि जाली नोट, आतंकवाद के वित्तपोषण तथा कालेधन, इन तीन समस्याओं से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल को 500 और 1000 के ऊंचे मूल्य वाले नोटों को बंद करने पर विचार करना चाहिए। आपको बता दें कि संसदीय समिति के अध्यक्ष प्रमुख कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली हैं।
सरकार की ‘सलाह’ पर विचार करने के लिए केंद्रीय बैंक के सेंट्रल बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में सरकार की सलाह पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार को 500 और 1000 रुपये पुराने नोट को बंद करने की सिफारिश की गई।
सिफारिस के कुछ घंटों बाद ही 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने का फैसला किया गया। दरअसल, नोटबंदी के फैसले के बाद कुछ मंत्रियों ने कहा था कि सरकार ने आरबीआई की सिफारिश पर नोटबंदी का फैसला किया था।