जीएसटी परिषद की बैठक में सेस पर लिए गए निर्णय से महिंद्रा एंड महिंद्रा, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर, ऑडी, मर्सिडीज-बेंज और जेएलआर इंडिया जैसी कार कंपनियां खुश नहीं है। इनका कहना है कि जीएसटी परिषद ने उनके अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को अनदेखा किया है। जीएसटी काउंसिल ने अपनी बैठक में कारों पर 7 फीसदी सेस बढ़ाने का निर्णय लिया। यह सेस बड़ी कारों ओर एसयूवी पर बढ़ाया गया है जिससे इन कारों की कीमतों में इजाफा हो सकता है। दरअसल कंपनियां अपना नुकसान कम करने के लिए बढ़े हुए सेस के बोझ को ग्राहकों पर डाल सकती है। इस तरह ऑडी, मर्सिडीज-बेंज और जेएलआर इंडिया जैसी कंपनियां की कारों के लिए आपको काफी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उपाध्यक्ष और पूर्ण कालिक निदेशक शेखर विनाथन ने अपने बयान में कहा, ”जीएसटी संशोधन पर अध्यादेश के बाद मीडिमय और बड़ी आकार वाली कारों पर 2 से 7 फीसदी सेस में वृद्धि होगी। इसका सीधा परिणाम कार की बढ़ी कीमतों के तौर पर सामने आएगा”।
विनाथन ने कहा कि सेस में किया गया यह बदलाव बाजार को अस्थिरता की ओर ले जा सकता है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा कि सेस का जो भी असर होगा, वह कारों की बदली हई कीमतों में नजर आएगा। इसी तरह ऑडी, मर्सिडीज-बेंज और जेएलआर इंडिया ने भी जीएसटी परिषद के फैसले पर निराशा व्यक्त की है।
आपको बता दें कि, वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषएद की बैठक में मध्यम कारों पर दो फीसदी, बड़ी कारों पर 5 फीसदी और एसयूवी पर 7 फीसदी सेस बढ़ाया गया है। हालांकि सरकार ने छोटी कारों पर सेस में कोई बदलाव नहीं किया है।