पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के हमले की जानकारी मिलते ही देशवासियों में खुशी की लहर दौड़ी ही, सरकारी बैंक भी झूम उठे। दरअसल, सर्जिकल स्ट्राइक की खबर आने के बाद गुरुवार को सॉवरन बॉन्ड्स की यील्ड में 13 महीने की बड़ी वृद्धि हुई और बैंकों ने इस मौके को भुनाते हुए रेकॉर्ड खरीदारी की।
ब्लूमबर्ग के जुटाए आंकड़े बताते हैं कि सरकारी बैंकों ने 16,900 करोड़ रुपये के सिक्यॉरिटीज खरीदे। सरकारी बैंकों ने सिक्यॉरिटीज की इतनी बड़ी खरीद साल 2006 में की थी। पीएनबी गिल्ट्स लि. में फिक्स्ड इनक के एग्जिक्युटिव वाइस प्रेजिडेंट विजय शर्मा ने कहा, ‘सरकारी बैंक लंबी अवधि के निवेशक हैं और वे हरेक गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘लॉन्ग टर्म के लिए इंडियन बॉन्ड्स आकर्षक विकल्प पेश होते हैं। खासकर, नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और आर्थिक पैमानों में सुधार के मद्देनजर।’ रिजर्व बैंक के ट्रेडिंग सिस्टम के मुताबिक, सितंबर 2026 आधार पर मुंबई में 10 बजर 44 मिनट पर सरकारी नोटों पर यील्ड में 6.82 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट आई। गुरुवार को इसने 8 बेसिस पॉइंट की उछाल भरी जो 10 साल की सिक्यॉरिटी बेंचमार्क के लिए सबसे ज्यादा है।
ब्लूमबर्ग के आंकड़े बताते हैं कि रुपया 0.4 प्रतिशत मजबूत होकर 66.6025 प्रति डॉलर पर पहुंच गया जो एक सप्ताह की सबसे बड़ी उछाल है। वहीं, गुरुवार को 0.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ रुपया तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। जून के आखिर से रुपया 1.4 प्रतिशत मजबूत हुआ जिससे पिछली पांच तिमाही की सिलसिलेवार गिरावट पर रोक लगने की उम्मीद बंधी है। 10 साल वाले बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड्स ने 63 बेसिस पॉइंट का गोता लगाया जो दिसंबर 2014 को खत्म हुई तिमाही के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।