‘ब्राजील के साथ समझौते से दूर होगी दाल की कमी’

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। देश में दलहन की किल्लत और दाल की कीमतों में पिछले कुछ समय से जारी तेजी के बीच केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार(27 अगस्त) को कहा कि ब्राजील के साथ दाल की फसल उगाने को लेकर बातचीत चल रही है। यदि ब्राजील भारत के लिए दाल उपजाने संबंधी समझौते पर राजी हो गया, तो फिर देश में दालों की कोई कमी नहीं रहेगी।

केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने फेडरेशन ऑफ पीटीआई एम्प्लायज यूनियंस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करने के बाद संवादददाताओं से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी ब्राजील के कृषि मंत्री तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस बारे में बातचीत हुई है।

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पासवान ने कहा कि ब्राजील में भारत से ढाई गुना अधिक जमीन है, किन्तु वहां कुल जमीन के मात्र छह प्रतिशत पर ही खेती होती है। उन्होंने कहा कि ब्राजील से कहा गया है कि वह अपने देश में दालों की खेती भारत के लिए करे।

पासवान ने कहा कि इस बारे में उनकी ब्राजील के कृषि मंत्री से बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से इसके लिए दलहनों के बीज तथा आवश्यकता पड़ने पर प्रशिक्षित लोगों को भेजने की पेशकश की है।

केंद्रीय खाद्य मंत्री ने कहा कि इस संबंध में मोजाम्बिक की तरह ही ब्राजील से समझौता होगा और यह काम सरकारी एजेंसियों के बीच होगा और इसमें निजी पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी। उन्होंने कहा कि वह अपनी ब्राजील यात्रा के बारे में एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपेंगे।

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पासवान ने कहा कि अक्तूबर में ब्राजील के राष्ट्रपति की भारत यात्रा संभावित है। हो सकता है कि दोनों देशों के प्रमुख नेताओं के बीच मुलाकात में इस बारे में कोई समझौता हो जाए और इस समस्या का कोई स्थायी हल निकल आए।

केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने उम्मीद जताई कि अगर ब्राजील के साथ ये समझौता हो जाता है तो देश में दलहनों की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने दलहनों के मूल्य कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों की चर्चा करते हुए उम्मीद जताई कि अगले साल तक दलहन के दाम सामान्य हो जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि मूंग दाल का बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गया है।

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पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार ने दालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 20 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया है। साथ ही राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे केन्द्र से दालें ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि 66 रुपये प्रति किलो अरहर और 82 रुपये प्रति किलो उड़द मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि राज्यों ने अभी तक केन्द्र से मात्र 40,000 टन दालों का ही उठाव किया है।