नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वे अल्पसंख्यक समुदायों को दी जाने वाली कर्ज सुविधा की सूचना अर्धवार्षिक आधार पर उपलब्ध कराए। यह सूचना केंद्रीय बैंक व वित्त मंत्रालय को देनी होगी।
केंद्रीय बैंक ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि उक्त सूचना हर छमाही के पूरा होने के एक महीने में मिल जानी चाहिए।
इसके साथ ही आरबीआई ने अपने एक अन्य फैसले में कहा है कि बैंक केवल उन्हीं कर्जदारों के फोटो अखबारों में प्रकाशित करवा सकते हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक के दिशा निर्देशों के तहत जानबूझकर चूककर्ता (डिफाल्टर) घोषित कर दिया गया हो।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा है कि वे डिफाल्टरों व गारंटी देने वालों के नाम बिना सोचे-विचारे समाचार पत्रों में नहीं छपवाएं। बैंकों से कहा गया है कि वे इस बारे में कोई नीति बनाएं। इस नीति में यह स्पष्ट होना चाहिए कि किसी व्यक्ति का फोटो अखबार में छपवाने के बारे में फैसला किस आधार पर किया जाएगा।