आरबीआई की दरों में कोई बदलाव नहीं, GDP अनुमान 7.6 से घटाकर 7.1

0
उर्जित पटेल
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मौद्रिक नीति कमेटी के फैसले का ऐलान बुधवार को किया। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है, यानी रेपो रेट 6.25 प्रतिशत ही रहेगा। आरबीआई ने कहा कि ‘चलनिधि समायोजन सुविधा के तहत रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत पर कोई भी परिर्वतन ना करने का फैसला लिया है। गवर्नर उ‍र्जित पटेल की अध्‍यक्षता वाली कमेटी से ब्‍याज दरों में कटौती की उम्‍मीद की जा रही थी। लेकिन अब वह नहीं होगी। GDP  अनुमान 7.6 से घटाकर 7.1 किया।

इसे भी पढ़िए :  जियो के फ़्री कॉलिंग प्लान को बड़ी कम्पनियों ने ऐसे दी टक्कर

पीएम मोदी द्वारा 8 नवंबर को किए गए 500, 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले से भारत कैश-आधारित अर्थव्‍यवस्‍था को चोट पहुंची है। ऐसे में अगर 25 बेसिस प्‍वाइंट की कटौती भी करता तो रेपो रेट करीब 6 प्रतिशत कम हो जाता, जो कि सितंबर 2010 के बाद का न्‍यूनतम स्‍तर होता। रेपो रेट में कटौती से ग्राहकों के लिए ईएमआई कम हो सकती थी। विशेषज्ञों ने चेताया है कि नोटबंदी का असर 2018 तक बरकरार रह सकता है। इसलिए वित्‍त क्षेत्र के एक्‍सपर्ट्स की नजरें बचे हुए वित्‍तीय वर्ष के लिए आरबीआई के ऐलान पर थीं। अगर आरबीआई दरों में कटौती करता तो यह अर्थव्‍यवस्‍था को समर्थन देने की केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता दर्शाता।

इसे भी पढ़िए :  बाबा रामदेव करने वाले हैं नौकरियों की बौछार, पतंजलि देगा 5 करोड़ युवाओं को रोजगार

जुलाई और सितंबर के बीच हमारी अर्थव्‍यवस्‍था 7.3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ी है। वैश्विक स्‍तर पर तेज की कीमतें 30 नवंबर के बाद से तेजी से बढ़ी हैं। ओपेक देशों ने ने उत्‍पादन कम करने का ऐलान कर दिया है। इसके घरेलू वृद्धि पर असर को लेकर आर्थिक विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी को लेकर कीर्ति आजाद ने मांगा अरुण जेटली का इस्तीफा
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse