नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पहली महिला चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य को शनिवार(1 अक्टूबर) को एक साल का सेवा विस्तार दे दिया गया। बैंक के इतिहास में पहली बार उसके किसी प्रमुख को सेवा विस्तार मिला है।
अरूंधति को पहली बार तीन साल के कार्यकाल के लिए सात अक्तूबर 2013 को स्टेट बैंक का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इस साल छह अक्तूबर को उन्हें सेवानिवृत्त होना था, लेकिन अब उनके सेवा विस्तार से बैंक को अपने पांच सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का अपने में विलय करने में मदद मिलेगी।
इसी के साथ उनके द्वारा गैर-निष्पादित आस्तियों के संबंध में लिए गए फैसले का एक तर्कपूर्ण परिणाम सामने आ सकेगा। गौरतलब है कि अप्रैल-जून तिमाही में बैंक का फंसा हुआ कर्ज एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका था।
शनिवार को सरकार ने अरूंधति की एक साल के लिए उनके पद पर पुनर्नियुक्ति की है। बैंक ने एक बयान में बताया कि ‘‘सरकार ने आज(शनिवार) स्टेट बैंक की मौजूदा प्रमुख का कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया। उनका नया कार्यकाल सात अक्तूबर से शुरू होगा।’’
स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक के विलय की प्रक्रिया को देखते हुए उन्हें सेवाविस्तार दिए जाने की उम्मीद की जा रही थी। इस कदम से बैंक को यह कार्य करने में निरंतरता मिलेगी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल की शुरूआत में भारतीय स्टेट बैंक और उसके पांच सहयोगी बैंकों तथा भारतीय महिला बैंक के विलय को मंजूरी दे दी थी। देश में वैश्विक स्तर के बड़े बैंकों को खड़ा करने के लिये यह निर्णय लिया गया।
स्टेट बैंक के पांच सहयोगी बैंकों में- ‘स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद’ शामिल हैं। इनमें से तीन सहयोगी बैंक शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं।
पांचों सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय के बाद जो भारतीय स्टेट बैंक का जो स्वरूप होगा वह दुनिया में सबसे बड़े बैंक से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा। नए बैंक का संपत्ति आधार 37 लाख करोड़ रुपये (555 अरब डालर से अधिक) होगा। उसकी कुल 22,500 शाखाएं होंगी और 58,000 एटीएम होंगे तथा 50 करोड़ रुपये से अधिक ग्राहक होंगे।